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ज्यो-वास्तु ने वास्तु को सही दिशा देते हुए सम्पूर्ण विश्व को इस सच्चाई से अवगत करवाया है कि दिशा का महत्व वास्तु में सिर्फ उतना ही है जितना मानव शरीर मे बाह्य रंग रूप का परन्तु उसकी दशा अर्थात भू ऊर्जा (land energy) का अत्यधिक महत्व है बिल्कुल वैसे ही जैसे मानव शरीर की आकारिकी (anatomy) का महत्व है। इसके अलावा ज्यो-वास्तु के उपाय बहुत ही सटीक , वैदिक , भारतीय संस्कृति पर आधारित एवम शत प्रतिशत परिणाम देने वाले होते हैं।
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Our Clients
MP Birla Group, Satna (M.P.)
Mr. Nilesh Porwal (Real Estate), Indore
Mother Pride Dairy, Bulandshahar (U.P.)

WHAT IS VASTU ?
"प्रकृति और मानव में सही संबंध स्थापित करने की स्थापत्य कला का नाम है वास्तु | "
"ऊर्जा का निर्बाध गति से आवागमन होना ही ‘वास्तु’ है| "
"वास्तु शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘वस्’ शब्द से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ 'निवास की भूमि' से है अर्थात ऐसी भूमि जो सुख, शान्ति, समृद्धि ला सकें|"